Ashirwadvani

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नई पहल: अब बिना बैग के लगेंगी क्लासेस

नई दिल्ली देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्र अब बिना बैग के भी स्कूल में पढ़ाई करने जाते दिखेंगे। छात्र भारी-भरकम बैग की टेंशन छोड़कर आनंदमय और तनावमुक्त होकर पढ़ाई करेंगे। दरअसल दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने 24 जुलाई को जॉयफुल लर्निंग-डेवलपमेंट ऑफ मल्टी सेंसरी टीचिंग लर्निंग टूल्स को मुख्य …
 

 नई दिल्ली

देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्र अब बिना बैग के भी स्कूल में पढ़ाई करने जाते दिखेंगे। छात्र भारी-भरकम बैग की टेंशन छोड़कर आनंदमय और तनावमुक्त होकर पढ़ाई करेंगे। दरअसल दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार  ने 24 जुलाई को जॉयफुल लर्निंग-डेवलपमेंट ऑफ मल्टी सेंसरी टीचिंग लर्निंग टूल्स को मुख्य विषय में लागू करने की मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य छात्रों में भाषाओं, सामाजिक विज्ञान और गणित विषयों में जिज्ञासा व उत्साह की प्रवृत्ति पैदा करना है।

नई शिक्षा नीति के तहत यह पहल प्राइमरी क्लासों में लागू की गई है। इसकी शुरुआत शिक्षा निदेशालय, एनडीएमसी व डीसीबी के स्कूलों से की गई है। शिक्षा विभाग का उद्देश्य छात्रों को रचनात्मक रूप से सोचने और समस्या समाधान कौशल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके जरिये छात्र व शिक्षकों के बीच सहयोग और संचार को बढ़ावा दिया जाएगा।

हर महीने में एक दिन कक्षाओं में आकर्षक और समावेशी शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें छात्रों को नए प्रयोग, निष्कर्ष निकालने, तर्क शैली का विकास, परीक्षण योग्यता के लिए प्रेरित करने में मदद दी जाएगी। साथ ही, दृश्य साक्षरता और आलोचनात्मक चिंतन कौशल विकसित किया जाएगा।

स्कूलों में 14 अगस्त तक आयोजित होगी गतिविधि
समग्र शिक्षा के माध्यम से सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 छात्रों की कलात्मक प्रतिभा की पहचान होगी। छात्रों के जीवन कौशल को निखारने में मदद मिलेगी।से लागू किया जाएगा। इसकी शुरुआत कक्षा छठवीं, सातवीं व आठवीं से होगी। छात्रों की कलात्मक प्रतिभा की पहचान होगी। छात्रों के जीवन कौशल को निखारने में मदद मिलेगी।

यह है रणनीति

● विभिन्न भाषाओं व गणित में बहु संवेदी शिक्षण सृजन को बढ़ाना

● भाषाओं में व्याकरण के नियम, शब्दावली, वाक्य संरचना और उच्चारण जैसी अवधारणाओं को आसानी से समझाना

● सामाजिक विज्ञान में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना

● आलोचनात्मक सोच और विश्लेषण को बढ़ावा देना

● संवादात्मक और वास्तविक दुनिया से जुड़ाव प्रदान करना