हम हार गए… अब कांग्रेस पर प्रहार करो” — नरोत्तम मिश्रा की कार्यकर्ताओं को खुली नसीहत
दतिया
दतिया में भाजपा की टिफिन गोठ में पूर्व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भोजन किया और उन्हें नसीहत दी। उन्होंने अपनी विधानसभा चुनाव में हुई हार का जिक्र किया और कार्यकर्ताओं से कहा कि पुरानी बातें नहीं करना हैं और सामने कांग्रेस पर अटैक करना है।
अपने घरों से खाना लाए थे कार्यकर्ता
दतिया के पटवारी फार्म हाउस में आयोजित टिफिन गोठ (Tiffin Meeting) में भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने घरों से भोजन बनाकर लाए थे। डॉ. मिश्रा ने कार्यकर्ताओं के साथ जमीन पर बैठकर भोजन किया और विभिन्न व्यंजनों का स्वाद लिया।
कांग्रेस पर अटैक करना है- नरोत्तम मिश्रा
डॉ. मिश्रा ने कार्यकर्ताओं से कहा, हम चुनाव में क्यों हार गए? कोई वजह कुछ बताएगा, कोई किसी को जिम्मेदार बताएगा। मैं केवल यही कहूंगा कि हां हम हार गए। सब मन बनाओ कि पुरानी बातें नहीं करना। सामने कांग्रेस है उस पर अटैक करना है और आने वाले सुनहरे कल की बात करना है।
इस टिफिन गोठ में महिला और पुरुष कार्यकर्ताओं के साथ व्यापारी वर्ग के लोग भी शामिल हुए। डॉ. मिश्रा ने कहा, ऽहम सब एक परिवार के लोग हैं। साथ में मिलकर दतिया की सेवा और विकास कर रहे हैं। इस दौरान डॉ. मिश्रा और भाजपा पदाधिकारियों ने एक दूसरे के साथ व्यंजन भी शेयर किए।
अलग-अलग व्यंजन का लिया स्वाद
गोठ में भाजपा के पदाधिकारियों के साथ-साथ व्यापारी अपने-अपने घरों से टिफिन में अलग-अलग व्यंजन लेकर पहुंचे। पूर्व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा सभी के साथ जमीन पर बैठकर भोजन किया। उन्होंने गोठ कार्यक्रम को प्रेम का आदान-प्रदान बताया। साथ ही आज आनंद के इस वातावरण में यह गोठ हुई है। उन्होंने कहा कि हम सब एक परिवार के लोग है। साथ में मिलकर दतियाजन की सेवा और विकास कर रहे है। इस दौरान पूर्व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और भाजपा पदाधिकारियों ने एक दूसरे के व्यंजन भी शेयर किए।
तुम पर नहीं आने दूंगा मुसीबत- पूर्व गृह मंत्री डॉ.मिश्रा
पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप विश्वास करते हो मुझ पर तो करो कि चाहें जैसा आ जाए प्रशासन और आदमी और चाहे जैसा कोई कुछ बोले तुम पे मुसीबत नहीं आने दूंगा। आपके लिए जान लगाने बैठा हूं। लेकिन आप भी अभी थोड़ा परहेज करो। रिश्तेदार-नातेदार ढूंढ कर मत लाओ। अपने और अपने परिवार तक सीमित रहो। मुझे विश्वास है एक दिन जरूर हम उबर जाएंगे।