भोपाल से रूस को निर्यात की पहली खेप रवाना, सिस्टर सिटी समझौते के तहत ऐतिहासिक शुरुआत
भोपाल, 30 जुलाई।
भारत और रूस के बीच क्षेत्रीय स्तर पर सहयोग को नया आयाम देते हुए बुधवार को भोपाल से रूस के स्मोलेन्स्क शहर के लिए निर्यात की पहली खेप रवाना की गई। यह ऐतिहासिक पहल सिस्टर सिटी समझौते के अंतर्गत हुई है, जो भोपाल और स्मोलेन्स्क के महापौरों के बीच हस्ताक्षरित हुआ था। उल्लेखनीय है कि यह मध्यप्रदेश और रूस के बीच पहला ऐसा औपचारिक समझौता है, जिसे रूस के विदेश मंत्रालय की स्वीकृति प्राप्त है।
फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि इस समझौते का उद्देश्य व्यापार, संस्कृति, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग को बढ़ावा देना है। पहली खेप में सागर न्यूट्रिमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, मंडीदीप द्वारा ‘नंदी’ ब्रांड नाम से तैयार की गई प्रीमियम बासमती चावल को भेजा गया है। यह कदम न केवल मध्यप्रदेश की कृषि उपज को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाएगा, बल्कि रूसी बाजार में भारतीय बासमती चावल की लोकप्रियता भी बढ़ाएगा।
आगामी चरणों में मसाले, वस्त्र और अन्य स्थानीय उत्पादों का निर्यात भी प्रस्तावित है। इसके साथ ही सांस्कृतिक आदान-प्रदान के तहत स्मोलेन्स्क में ‘इंडिया मेला’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारतीय संस्कृति, खादी एवं हस्तशिल्प, पारंपरिक भोजन और लोककलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा।
शिक्षा के क्षेत्र में भी दोनों शहरों के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। दोनों पक्षों के विश्वविद्यालयों के बीच प्रारंभिक वार्ताएं हो चुकी हैं, और आगामी दो महीनों में मध्यप्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों का एक प्रतिनिधिमंडल रूस का दौरा करेगा। इसके अंतर्गत छात्र और संकाय सदस्यों के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम भी शुरू किए जाएंगे।
यह निर्यात पहल भारत और रूस के बीच राज्य स्तर पर सहभागिता की मिसाल बन रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम मध्यप्रदेश की वैश्विक पहचान को सशक्त करेगा और अन्य राज्यों को भी स्थानीय क्षमताओं के वैश्विक दोहन की प्रेरणा देगा। इस अवसर पर फेडरेशन के सचिव प्रवीण आचार्य, फेडरेशन की मैंगजीन के संपादक श्री खरे और सागर राइस के वाइस प्रेसिडेंड विपिन शर्मा भी उपस्थित रहे।