भोपाल में खुले में मांस बिक्री पर भाजपा चौक मंडल सख्त: ज्ञापन के बाद नगर निगम की ताबड़तोड़ कार्रवाई
भोपाल, 21 जुलाई। सावन माह के पावन अवसर पर भोपाल के इस्लामपुरा क्षेत्र में खुले में मांस बिक्री को लेकर भारतीय जनता पार्टी के चौक मंडल ने सख्त रुख अख्तियार किया है। मंडल अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर के नेतृत्व में सोमवार को एसीपी कोतवाली चंद्रशेखर पांडे को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में मध्य प्रदेश शासन की मांस व्यापार संबंधी गाइडलाइन के उल्लंघन की बात कहते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई।
चौक मंडल अध्यक्ष ठाकुर ने स्पष्ट किया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा बनाई गई गाइडलाइन के अनुसार मांस की बिक्री सिर्फ ढकी हुई, स्वच्छ दुकानों में और धार्मिक स्थलों से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर ही होनी चाहिए। लेकिन इन निर्देशों की अनदेखी करते हुए खुले में मांस बेचा जा रहा है, जिससे न केवल गंदगी फैल रही है बल्कि धार्मिक भावनाएं भी आहत हो रही हैं।
इस विषय पर मंडल उपाध्यक्ष एवं भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महामंत्री विवेक साहू ने कहा, “सावन मास चल रहा है। लाखों श्रद्धालु व्रत उपवास कर रहे हैं। ऐसे समय में सार्वजनिक स्थानों पर खुले मांस की बिक्री न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि आस्था का भी अपमान है।”
ज्ञापन सौंपने के तुरंत बाद पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने इस्लामपुरा क्षेत्र में कार्रवाई की। निगम जोन-5 के प्रभारी और एएचओ आसिफ नज़र ने बताया कि खुली दुकानों पर कार्यवाही करते हुए ₹18,600 का चालान किया गया है और दुकानदारों को दुकानें ढकने के निर्देश भी दिए गए।
गुलाब का फूल या क़ानून का डंडा
मंडल के कार्यकर्ताओं ने चेताया कि यदि भविष्य में भी खुले में मांस बिक्री जारी रही तो वे व्यापारी संगठनों से संवाद करेंगे और उन्हें “गुलाब का फूल” देकर शासन की गाइडलाइन का पालन करने की शालीन अपील करेंगे। यह कदम एक ओर जहाँ विरोध का सांकेतिक और सौम्य तरीका होगा, वहीं यह सामाजिक चेतना का संदेश भी देगा।
इस अवसर पर आशीष सिंह ठाकुर के साथ युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष अवनि शर्मा, मंडल उपाध्यक्ष विवेक साहू, आकाश बाथम, मुकेश साहू, महेश मालवीय, दीवान सिंह, संदीप राठौर, लोकेश शर्मा, नवीन बाथम सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2023 में मांस व्यवसाय संचालन को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। इनमें साफ-सफाई, ढकी दुकानों का अनिवार्य प्रावधान और धार्मिक स्थलों से दूरी बनाए रखना प्रमुख बिंदु थे। इस गाइडलाइन को लागू कराने की जिम्मेदारी नगर निगम और पुलिस प्रशासन को दी गई थी, लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में इसका पालन नहीं हो रहा है।