Ashirwadvani

जबलपुर में 5 दिन से मूंग-उड़द खरीदी ठप, सर्वर डाउन से परेशान किसान

जबलपुर मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में मूंग और उड़द की सरकारी खरीदी व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। बीते पांच दिनों से सर्वर डाउन होने के कारण किसान अपनी उपज के लिए स्लॉट तक बुक नहीं कर पा रहे हैं। जहां एक ओर सरकार तकनीकी खामी की बात कहकर पल्ला झाड़ रही है, वहीं दूसरी …
 

जबलपुर

मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में मूंग और उड़द की सरकारी खरीदी व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। बीते पांच दिनों से सर्वर डाउन होने के कारण किसान अपनी उपज के लिए स्लॉट तक बुक नहीं कर पा रहे हैं। जहां एक ओर सरकार तकनीकी खामी की बात कहकर पल्ला झाड़ रही है, वहीं दूसरी ओर किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। भारत कृषक समाज ने सरकार पर खरीद के नाम पर 'ढोंग' रचने का आरोप लगाया है।

जबलपुर जिले में मूंग और उड़द की खरीदी फिर एक बार ठप हो गई है। किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए स्लॉट बुक करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य समस्या तकनीकी बताई जा रही है – कभी सर्वर स्लो हो जाता है, तो कभी साइट ही नहीं खुलती। यह स्थिति गुरुवार से बनी हुई है, लेकिन सोमवार को भी ऐसी ही दिक्कतें सामने आई थीं। बावजूद इसके, समाधान अब तक नहीं निकला।

खरीदी प्रक्रिया की जिम्मेदारी निभा रहे कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भोपाल में उच्चाधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है, लेकिन किसानों को राहत कब मिलेगी, इसका कोई जवाब नहीं है। इस बीच, भारत कृषक समाज के अध्यक्ष इंजीनियर के.के. अग्रवाल ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार शुरुआत से ही मूंग-उड़द की खरीदी को लेकर गंभीर नहीं थी। किसानों के दबाव में खरीदी शुरू तो हुई, लेकिन अब तकनीकी दिक्कतों का बहाना बनाकर खरीदी से किनारा किया जा रहा है।

उन्हें आशंका है कि सरकार जानबूझकर व्यवस्था को विफल कर रही है, ताकि किसान मजबूर होकर अपनी उपज मंडियों में औने-पौने दामों पर व्यापारियों को बेच दें। अग्रवाल के अनुसार, पहले ही बड़ी संख्या में किसान मंडियों में कम दामों पर अपना माल बेच चुके हैं।

जिले में स्थापित 11 उपार्जन केंद्रों की व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है। किसानों का आरोप है कि केंद्रों पर तुलाई में देरी होती है, सर्वेयर उन्हें बेवजह परेशान करते हैं और कई बार 'गुणवत्ता खराब' बताकर माल रिजेक्ट कर दिया जाता है। साथ ही यह भी आरोप लगाए गए हैं कि उपार्जन केंद्र के संचालक, सर्वेयर और कंप्यूटर ऑपरेटर मिलकर मिलीभगत से चहेतों की खराब गुणवत्ता वाली मूंग-उड़द खरीद रहे हैं।

किसानों ने खरीदी में पारदर्शिता लाने और माल की गुणवत्ता की दोबारा जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कलेक्टर दीपक सक्सेना को ज्ञापन सौंपते हुए मामले को शासन तक पहुंचाने की अपील की है।

इस बीच, ग्राम जरौंद स्थित तेजस वेयरहाउस पर भी अनियमितता की शिकायत मिलने पर कृषि उपसंचालक डॉ. एस.के. निगम के निर्देश पर निरीक्षण हुआ, जिसमें 11 ट्रालियां मूंग बिना एफएक्यू (FAQ) जांच के गोदाम में भरी पाई गईं।