इंदौर में कांग्रेस पद घोषणाओं पर बवाल, शहर व जिला अध्यक्ष चयन से बढ़ा असंतोष
भोपाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को 71 जिलों के लिए नए जिला अध्यक्ष और शहर अध्यक्ष की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट के जारी होने के साथ ही पार्टी के अंदर ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। इंदौर में चिंटू चौकसे के शहर अध्यक्ष और विपिन वानखेड़े के जिला अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से असंतोष सामने आने लगा है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सर्वे और रायशुमारी को दरकिनार किया गया है। चिंटू चौकसे को शहर कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया है और विपिन वानखेड़े को इंदौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने शनिवार शाम को नियुक्ति आदेश जारी किया। चौकसे इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष हैं और वानखेड़े आगर मालवा के पूर्व विधायक हैं। संगठन को नए सिरे से गढ़ने के लिए कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में संगठन सृजन अभियान की घोषणा की थी।
नई परिपाटी शुरू होती दिख रही है
जून में राहुल गांधी भोपाल पहुंचे थे और अभियान की शुरुआत की थी। संगठन सृजन के अभियान में सर्वे से लेकर रायशुमारी जैसे दौर हुए और दिल्ली से टीमें भी पहुंची थीं। अब इंदौर में कांग्रेस के लिए इसे नई शुरुआत माना जा रहा है। चौकसे और वानखेड़े दोनों को कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की पसंद माना जा रहा है। दोनों की नियुक्ति के साथ कांग्रेस में नई परिपाटी भी शुरू होती दिख रही है।
दरअसल, वानखेड़े अब तक आगर-मालवा में ही राजनीति कर रहे थे। उन्हें इंदौर जिले में संगठन खड़ा करने की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि चौकसे निगम में नेता प्रतिपक्ष हैं। चौकसे अपने दोस्त और पार्षद राजू भदौरिया को अध्यक्ष बनवाने में जुटे थे, लेकिन संगठन ने उन्हें ही शहर की कमान सौंप दी। इस बीच, अंदर से कुछ लोगों का असंतोष भी सामने आया है। असंतुष्ट कह रहे हैं कि सर्वे और रायशुमारी को दरकिनार कर अध्यक्षों का ऐलान करना था तो प्रक्रिया की ही क्यों गई।
समीकरण बदलेंगे
चौकसे और वानखेड़े की ताजपोशी के साथ इंदौर जिले में कांग्रेस के तमाम समीकरण बदलते दिख रहे हैं। एक व्यक्ति एक पद के नारे के बीच सवाल उठ रहा है कि क्या चौकसे अब संगठन के कहने पर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी छोड़ देंगे? बताया जा रहा है कि चौकसे ने इससे पहले ही अपनी मंशा संगठन के सामने स्पष्ट कर दी थी।