काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव का समापन समारोह एवं वीरों को नमन’ कार्यक्रम
- ‘काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव का समापन समारोह एवं वीरों को नमन’ कार्यक्रम
- मुख्यमंत्री ने काकोरी शहीद स्मारक में स्थित शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया
- ‘काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव महान क्रान्तिकारियों के स्मरण का एक महान दिवस, यह वर्तमान पीढ़ी के लिए एक नई प्रेरणा : मुख्यमंत्री
- 09 अगस्त, 1925 को महान क्रान्तिकारियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खजाने को अपने कब्जे में लेकर क्रान्तिकारी गतिविधियों को आगे बढ़ाया
- महान क्रान्तिकारियों ने देश को ब्रिटिश हुकूमत से मुक्त कराने के लिए स्वयं को बलिदान किया, उनके जज्बे का ही परिणाम था कि देश वर्ष 1947 में आजाद हो गया
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- भारत के बहादुर जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दुश्मन देश द्वारा भारत पर थोपे गए युद्ध का जवाब पूरी तत्परता से दिया
- प्रधानमंत्री जी ने हर भारतवासी से 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ने का आह्वान किया
- स्वदेशी हमारे जीवन का ध्येय और मंत्र बननी चाहिए, आजादी का यही संदेश कि हम जिएं तो स्वदेशी के लिए और मरें तो अपने देश के लिए
- भले ही तात्कालिक रूप से कुछ महंगा हो, लेकिन हम स्वदेशी उपहार ही खरीदें
- अमर क्रान्तिकारियों के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करते हुए सरकार ‘काकोरी ब्राण्ड’ का आम पूरी दुनिया में पहुंचा रही
- प्रधानमंत्री जी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाए जाने के संकल्प को सफल बनाना ही अपने क्रान्तिकारियों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि : उपमुख्यमंत्री
- मुख्यमंत्री ने पुस्तक ‘काकोरी ट्रेन एक्शन-साहस, बलिदान एवं आजादी की कहानी’ का विमोचन तथा ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधरोपण किया
लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आज काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव का समापन कार्यक्रम है। आज से 100 वर्ष पहले 09 अगस्त, 1925 को काकोरी ट्रेन एक्शन के माध्यम से उस समय के महान क्रान्तिकारियों ने भारत की जनता के खून-पसीने की कमाई को इंग्लैंड ले जाने का कुत्सित प्रयास करने वाली ब्रिटिश हुकूमत के खजाने को अपने कब्जे में लेकर क्रान्तिकारी गतिविधियों को आगे बढ़ाया था।
मुख्यमंत्री जी आज यहां काकोरी शहीद स्मारक, लखनऊ में ‘काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव के समापन समारोह एवं वीरों को नमन’ कार्यक्रम के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने काकोरी शहीद स्मारक में स्थित शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री जी ने पुस्तक ‘काकोरी ट्रेन एक्शन-साहस, बलिदान एवं आजादी की कहानी’ का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश राज्य अभिलेखागार, उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी एवं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा लगाई गयी काकोरी ट्रेन एक्शन पर आधारित चित्र एवं अभिलेख प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने शहीद स्मारक प्रांगण में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधरोपण किया। मुख्यमंत्री जी ने फोटो बूथ पर सेल्फी ली तथा बालिकाओं से राखी बंधवाई। समारोह में संस्कृति विभाग के तत्वावधान में 100 कलाकारों द्वारा ‘काकोरी की अमर गाथा’ नाट्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गयी। इस अवसर पर काकोरी ट्रेन एक्शन पर आधारित लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस पूरे अभियान को नेतृत्व प्रदान करने वाले पं0 राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठा0 रोशन सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी सहित क्रान्तिकारियों की एक लम्बी श्रृंखला थी, जिन्हें ब्रिटिश हुकूमत ने अलग-अलग जेलों में बन्द करके, बिना सुनवाई का अवसर दिये ही फांसी के फंदे पर पहुंचाने का काम किया था। पं0 राम प्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर जेल में फांसी दी गई। इसी प्रकार अन्य क्रान्तिकारियों को गोण्डा, फैजाबाद और नैनी जेल में फांसी दी गई। चन्द्रशेखर आजाद ब्रिटिश हुकूमत के हाथ नहीं पड़े, बल्कि उन्होंने मुकाबला करते हुए स्वयं वीरगति प्राप्त की। आज का यह शताब्दी महोत्सव उन महान क्रान्तिकारियों के स्मरण का एक महान दिवस है। यह वर्तमान पीढ़ी के लिए एक नई प्रेरणा भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि क्रान्तिकारियों ने ब्रिटिश हुकूमत के मात्र 4,600 रुपए के खजाने को अपने कब्जे में लिया था, जबकि इन क्रान्तिकारियों को पकड़ने और बिना सुनवाई उन्हें फांसी देने के लिए ब्रिटिश हुकूमत ने 10 लाख रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की थी। आज से 100 वर्ष पहले देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले क्रान्तिकारियों का स्मरण करने और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए हर भारतवासी को प्राणप्रण से जुटना चाहिए। आज का यह समारोह इसी संकल्प को आगे बढ़ाने वाला है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महान क्रान्तिकारियों ने देश को ब्रिटिश हुकूमत से मुक्त कराने के लिए स्वयं की परवाह किए बगैर राष्ट्रभक्ति के भाव से अपने आप को बलिदान किया। आजादी के लिए हर कीमत चुकाने के उनके जज्बे का ही परिणाम था कि यह देश वर्ष 1947 में आजाद हो गया। हमारा यह संकल्प होना चाहिए कि राष्ट्रभक्ति का यह ज्वार जन-जन के हृदय में प्रतिष्ठित हो। इसके लिए एकता और गर्व के प्रतीक तिरंगे को हर घर तक पहुंचाना है।
भारत की आन, बान और शान का प्रतीक तिरंगा झण्डा हमारा राष्ट्रीय प्रतीक है। हर घर तिरंगा फहराकर हमें उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करना है, जिनके बलिदान से हमारा देश आज स्वतन्त्र है तथा भारत की एकता और अखण्डता सुनिश्चित हुई है। जब हम इस संकल्प से कार्य करेंगे, तो जिन महान उद्देश्यों के लिए क्रान्तिकारियों ने अपने आप को बलिदान किया था, वह महान उद्देश्य आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत के विजन के रूप में स्वतःस्फूर्त भाव से आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर भारतवासी ने भारत की सेना के शौर्य और पराक्रम का सदैव सम्मान किया है। हाल ही में भारत के बहादुर जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दुश्मन देश द्वारा भारत पर थोपे गए युद्ध का जवाब पूरी तत्परता से दिया। पूरी दुनिया ने भारत के शौर्य और सामर्थ्य का लोहा एक बार फिर से माना है। अपने सैनिकों के प्रति सम्मान का भाव रखते हुए प्रधानमंत्री जी ने हर भारतवासी से आह्वान किया है कि वह 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ के आयोजन से जुड़े। सभी स्थलों, गांवों, नगर निकायों में सभी वार्डों में तिरंगा यात्रा निकाली जाए। यह भारत के प्रति हमारी राष्ट्रभक्ति का प्रमाण है। इनके माध्यम से विभाजनकारी ताकतों के मंसूबों को तोड़ते हुए राष्ट्रीय एकता के संदेश के साथ आगे बढ़े। यह हर भारतवासी को एक साथ जोड़ने में सफल सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह देश अपनी स्वाधीनता दिवस के आयोजन के साथ जुड़ रहा है, उस समय हर घर पर तिरंगा हो और हर भारतीय के मन में स्वदेशी का भाव जागृत होना चाहिए। जब यह देश अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा था, उस समय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हर भारतवासी को स्वदेशी के मंत्र से जोड़ने का काम किया था। स्वदेशी हमारे जीवन का ध्येय और मंत्र बननी चाहिए। हम जिएं, तो स्वदेशी के लिए और मरें, तो अपने देश के लिए। राष्ट्रभक्ति की इस पराकाष्ठा के साथ जब भारत आगे बढ़ेगा, तो दुनिया की कोई ताकत हमारा बाल भी बांका नहीं कर पाएगी। आजादी का यही संदेश है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे पर्व और त्योहार प्रारम्भ हो रहे हैं। कल रक्षाबंधन, 15 अगस्त को स्वाधीनता दिवस और 16 अगस्त को ‘परित्राणाय साधुनां विनाशाय च दुष्कृताम्’ का उद्घोष करने वाले भगवान श्रीकृष्ण की पावन जन्माष्टमी का आयोजन है। पर्व और त्योहारों की एक लंबी श्रृंखला आगे आने वाली है। इनमें विजयदशमी, दीपावली व छठ आदि आयोजन भी आएंगे। इन त्योहारों पर जब हम कोई स्वदेशी वस्तु खरीदते हैं, तो हमारे हस्तशिल्पियों, कारीगरों और उद्यमियों को काम मिलता है। यह पैसा अंततः देश के विकास और समृद्धि में ही खर्च होता है। विदेशी वस्तु खरीदने की कीमत हमें उस समय तो चुकानी ही पड़ती है, लेकिन बाद में आतंकवाद के रूप में भी हम उसकी कीमत चुकाते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भले ही तात्कालिक रूप से कुछ महंगा हो, लेकिन हम स्वदेशी उपहार ही खरीदें। 02 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सहित हर भारतवासी गांधी आश्रम से खादी का एक-एक वस्त्र खरीदें। उसका पैसा हमारे कुटीर उद्योगों और महिला स्वयंसेवी समूहों के पास जाएगा। भारत का पैसा, भारत में ही लगेगा, तभी भारत समृद्धि को प्राप्त होगा। भारत का पैसा जब विदेशों में जाएगा, तो यही पैसा फिर भारत के खिलाफ आतंकवाद, उग्रवाद और नक्सलवाद को बढ़ाने में दुरुपयोग होगा। हमें ऐसी किसी भी दुरभिसंधि से बचना पड़ेगा, जहां हमारा ही पैसा, हमारे ही खिलाफ इस्तेमाल होता हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में अपने क्रान्तिकारियों का स्मरण किया। साथ ही, सभी शहीद स्मारकों के पुनरुद्धार के कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाने का काम किया। उत्तर प्रदेश इस दृष्टि से बहुत समृद्धशाली है। प्रदेश में प्रथम स्वातंत्र्य समर में मेरठ, झांसी, गोरखपुर, लखनऊ सहित अलग-अलग स्थानों पर क्रान्ति की लौ जली थी, जिसने देश में इस आशा और उमंग का संचार किया था कि यह देश आजाद हो सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर सफलता अपनी कीमत मांगती है। हमें आजादी की कीमत भी चुकानी पड़ी। सन् 1857 में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, धन सिंह कोतवाल और बन्धु सिंह जैसे क्रान्तिकारी आजादी की लौ को जलाए रखने का काम कर रहे थे। सन् 1915 में मैनपुरी एक्शन, सन् 1922 में गोरखपुर में चौरी-चौरा और सन् 1925 में लखनऊ में काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना देश को स्वतंत्र कराने के क्रान्तिकारियों के उमंग और उत्साह की ओर हम सबका ध्यान आकर्षित करती है। अमर क्रान्तिकारियों के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करते हुए हमारी सरकार ने यह तय किया कि लखनऊ का मलिहाबादी आम ‘काकोरी ब्राण्ड’ के रूप में पूरी दुनिया में पहुंचेगा। आज हम ‘काकोरी ब्राण्ड’ के आम को पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम कर रहे हैं। यह क्रान्तिकारियों के प्रति हमारी श्रद्धांजलि भी है और उनकी स्मृतियों को नमन भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि काकोरी ट्रेन एक्शन के शताब्दी महोत्सव में उन क्रान्तिकारियों के परिजनों और देश के वीर सैनिकों के परिजनों को, जिन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए स्वाधीनता के लिए अपना बलिदान दिया था, आज इस मंच पर सम्मानित करने का अवसर प्राप्त हुआ है। सभी भारतवासियों का दायित्व है कि वह अपने वीर सैनिकों के प्रति सम्मान का भाव रखें। देश की वाह्य या आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए जो भी व्यक्ति या सैनिक कार्य कर रहा है, उनके प्रति हमारे द्वारा दिया गया सम्मान राष्ट्रप्रेम का भी प्रतीक बनता है। मुख्यमंत्री जी ने सभी को रक्षाबन्धन की बधाई देते हुए कहा कि हर भारतवासी ‘हर घर तिरंगा अभियान’ और 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा से जुड़े।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमारे क्रान्तिकारी दुनिया पर निर्भर रहने वाला नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत चाहते थे। प्रधानमंत्री जी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाए जाने के संकल्प को सफल बनाना ही अपने क्रान्तिकारियों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है। काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव के समापन अवसर पर हमें ‘आत्मनिर्भर भारत आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’, ‘विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश’ तथा ‘गरीबी से मुक्त भारत, गरीबी से मुक्त उत्तर प्रदेश’ का संकल्प लेना चाहिए।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन के माध्यम से हमारे वीर नौजवानों ने अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिलाने का काम किया था। आजादी के आन्दोलन ने यहीं से गति पकड़ी और अन्ततः अंग्रेज हमारा देश छोड़कर भागने को मजबूर हुए। हम जिस क्षेत्र में भी कार्य कर रहे हो, हमें राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखना चाहिए। तभी हम वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार कर सकते हैं।
इस अवसर पर महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य डॉ0 महेन्द्र सिंह, डॉ0 लालजी प्रसाद निर्मल, इं0 अवनीश कुमार सिंह, विधायक श्रीमती जय देवी, डॉ0 योगेश शुक्ला, ओ0पी0 श्रीवास्तव, डॉ0 नीरज बोरा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, शहीदों के परिजन, छात्र-छात्राएं तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।