केंद्रीय कैबिनेट ने 18,541 करोड़ की विकास योजनाओं को दी मंजूरी
नई दिल्ली
केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को देश के विकास से जुड़े तीन बड़े फैसलों को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 18,541 करोड़ रुपये की योजनाओं को हरी झंडी दी गई।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि कैबिनेट ने देश में चार नए सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिन पर लगभग 4,594 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। ये परियोजनाएं ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में स्थापित की जाएंगी। इसका उद्देश्य देश को सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर बनाना है।
भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने का फैसला लिया है। उसने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन(ISM) के तहत चार और सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इससे भारत में सेमीकंडक्टर बनाने का काम तेजी से बढ़ेगा। पहले से ही छह परियोजनाएं चल रही हैं। अब इन चार नई परियोजनाओं को भी मंजूरी मिल गई है। ये प्रस्ताव SiCSem, कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड CDIL), 3D ग्लास सॉल्यूशंस इंक. और एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज (ASIP) टेक्नोलॉजीज की ओर से आए हैं।
चार प्रोजेक्ट में लगेगा 4600 करोड़
इन चार परियोजनाओं में लगभग 4,600 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे 2034 कुशल लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के क्षेत्र में भी तेजी आएगी। कई अप्रत्यक्ष नौकरियां भी पैदा होंगी। इन चार नई परियोजनाओं के साथ, ISM के तहत कुल स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या 10 हो गई है। इनमें लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। ये परियोजनाएं 6 राज्यों में शुरू की जाएंगी।
आजकल टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल, डेटा सेंटर, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स में सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ रही है। इन मांगों को पूरा करने के लिए, ये चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाएं 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।
SiCSem और 3D Glass की इकाइयां ओडिशा में स्थापित की जाएंगी। CDIL की इकाई पंजाब में होगी, जबकि ASIP की यूनिट आंध्र प्रदेश में स्थापित की जाएगी। SicSem ब्रिटेन की Clas-SiC Wafer Fab Ltd के साथ मिलकर भुवनेश्वर (ओडिशा) के इंफो वैली में सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) आधारित कंपाउंड सेमीकंडक्टर की इकाई स्थापित करेगी। यह देश की पहली कमर्शियल कंपाउंड फैब होगी। इस परियोजना में सिलिकॉन कार्बाइड डिवाइस बनाए जाएंगे। इस कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब की सालाना क्षमता 60,000 वेफर्स और 9.6 करोड़ यूनिट पैकेजिंग की होगी। इन उत्पादों का इस्तेमाल मिसाइलों, रक्षा उपकरणों, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), रेलवे, फास्ट चार्जर, डेटा सेंटर रैक, उपभोक्ता उपकरणों और सोलर पावर इनवर्टर में किया जाएगा।
किन परियोजनाओं को मिली हरी झंडी?
ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में चार नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट | 4,594 करोड़ |
शहरी परिवहन को मजबूत बनाना: लखनऊ मेट्रो फेज 1बी | 5,801 करोड़ |
स्वच्छ विकास: टाटो-II जलविद्युत परियोजना (700 मेगावाट) | 8,146 करोड़ |
कुल | 18,541 करोड़ |
लखनऊ मेट्रो के फेज 1बी को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण (1B) को भी मंजूरी दी है। यह 11.165 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें 12 मेट्रो स्टेशन होंगे। इस पर 5,801 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें 7 स्टेशन अंडरग्राउंड और 5 एलिवेटेड होंगे। पहले चरण (1B) के शुरू होने के बाद लखनऊ शहर में 34 किलोमीटर का सक्रिय मेट्रो रेल नेटवर्क होगा। लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना का पहला चरण (1B) शहर के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण कदम है। यह शहर में मेट्रो रेल नेटवर्क का एक बड़ा विस्तार है।
इस चरण का उद्देश्य पुराने लखनऊ के प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ना है, जिनमें शामिल हैं:
– अमीनाबाद, यहियागंज, पांडेगंज और चौक जैसे वाणिज्यिक केंद्र
– किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (मेडिकल कॉलेज) जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्र
– बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूल भुलैया, क्लॉक टॉवर और रूमी दरवाजा जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल
– शहर की समृद्ध और ऐतिहासिक खाद्य संस्कृति के लिए जाने जाने वाले पाक गंतव्य
जलविद्युत परियोजना को हरी झंडी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अरुणाचल प्रदेश के शि योमी जिले में 700 MW की तातो-II जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए 8146.21 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इस परियोजना को 72 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है।
इस परियोजना की स्थापित क्षमता 700 MW (4 x 175 MW) होगी। इससे 2738.06 MU ऊर्जा का उत्पादन होगा। इस परियोजना से उत्पादित बिजली अरुणाचल प्रदेश राज्य में बिजली सप्लाई की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करेगी। राष्ट्रीय ग्रिड को संतुलित करने में भी मदद मिलेगी।
लखनऊ मेट्रो फेज-1बी को मिली मंजूरी
कैबिनेट ने दूसरा अहम फैसला लखनऊ मेट्रो से संबंधित लिया है। बैठक में 5,801 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली लखनऊ मेट्रो फेज-1बी परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना राजधानी लखनऊ में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएगी।
क्लीन एनर्जी को बढ़ावा: टाटो-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना
सरकार ने तीसरा बड़ा फैसला "क्लीन ग्रोथ" योजना के तहत टाटो-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना को लेकर लिया है। 8,146 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से 700 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। यह कदम देश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।