निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में प्रवेश की छूट देने की तैयारी
नई दिल्ली
सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले कानूनों में संशोधन पर विचार कर रही है। 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की सहभागिता बढ़ाना चाहती है। इसके लिए परमाणु ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित कानूनों में बदलाव की जरूरत महसूस हो रही है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि निजी क्षेत्र को भागीदारी की अनुमति देने के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम में बदलाव पर विचार हो रहा है।
परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण के लिए उपकरणों के आपूर्तिकर्ताओं पर जवाबदेही सीमित करने के लिए परमाणु क्षति के लिए जवाबदेही कानून में संशोधन की जरूरत महसूस की जा रही है। सरकार नियामक सुधारों पर भी विचार कर रही है और भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इनस्पेस) के माडल का मूल्यांकन कर रही है। इनस्पेस अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए नियामक के रूप में कार्य करता है। 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोल दिया गया था।
सरकार कर सकती है कानून में बदलाव
निजी क्षेत्र के साथ सक्रिय भागीदारी के लिए बजट में परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव किया गया था। उत्तरदायित्व कानून, किसी भी परमाणु दुर्घटना के बाद होने वाले नुकसान के विरुद्ध सुरक्षा के रूप में बना है। पहले, इस कानून में कंपनियों को डर था कि परमाणु दुर्घटना होने पर उन्हें भी मुआवजा देना पड़ेगा। इसलिए वे निवेश नहीं कर रही थीं। जानकारी के अनुसार, सरकार एटॉमिक एनर्जी एक्ट और सिविल लायबिलिटी न्यूक्लियर डैमेज एक्ट में बदलाव कर सकती है।
विकसति भारत 2047 के तहत सरकार उठा रही कदम
इन कंपनियों का मूल्यांकन सरकार या सरकार द्वारा अपॉइंट की गई किसी एजेंसी द्वारा किया जाएगा। जो कि वित्तीय, तकनीकी क्षमता, अनुभव और पुराने रिकॉर्ड समेत कई मानदंडों का ख्याल रखेंगी। सरकार द्वारा यह कदम विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए किया जा रहा है।
भारत ने वर्तमान में भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम के स्वामित्व और संचालन में 23 प्लांट से लगभग 8.8 गीगावाट की परमाणु ऊर्जा क्षमता स्थापित की है। वहीं सरकार ने 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखा है। सरकार फिलहाल 2032 तक 22 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता तक पहुंचाना चाहती है।