उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंत्री नरेंद्र कश्यप ने विजन विकसित भारत 2047 के अंतर्गत अपने विभागों की भूमिका बताई
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंत्री नरेंद्र कश्यप ने विजन विकसित भारत 2047 के अंतर्गत अपने विभागों की भूमिका बताई
उत्तर प्रदेश विधानसभा: मंत्री नरेंद्र कश्यप ने बताया विभागों का योगदान विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में
मंत्री कश्यप ने विधानसभा में प्रस्तुत की अपने विभागों की भूमिका, विजन विकसित भारत 2047 के तहत
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने पुनर्वासन, पेंशन, शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के क्षेत्र में कार्य किया है, जिसके अंतर्गत पेंशन राशि बढ़ाई गई और आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की है, जो पिछली सरकार की तुलना में अधिक है
शादी अनुदान योजना में भी गरीब ओबीसी परिवारों की बेटियों की मदद की गई है और कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है
ओबीसी छात्रावासों का निर्माण और आयोग को सशक्त बनाना प्राथमिकता है
भरण-पोषण एवं पेंशन योजनाओं में रिकॉर्ड वृद्धि
कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण योजना में ऐतिहासिक उपलब्धियां
शैक्षिक पुनर्वासन और उच्च शिक्षा संस्थानों का विस्तार
ओबीसी छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति में बड़े सुधार
शादी अनुदान, कंप्यूटर प्रशिक्षण और छात्रावास सुविधाओं का विस्तार
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र 2025 के तीसरे दिन पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने सदन में "विजन विकसित भारत 2047" के अंतर्गत विभागों की भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने का संकल्प पूर्ण करने हेतु दोनों विभागों ने स्पष्ट रणनीति और ठोस कार्ययोजना बनाई है।
मंत्री कश्यप ने बताया कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने पिछले आठ वर्षों में पुनर्वासन, पेंशन, शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। जून 2025 तक 11,32,240 दिव्यांगजनों को भरण-पोषण अनुदान (पेंशन) का लाभ मिला, जिसकी राशि योगी सरकार ने 300 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दी। इस अवधि में विभाग ने 8,841 करोड़ रुपये व्यय किए, जो पूर्ववर्ती सरकार के 1,581 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक है। कुष्ठावस्था पेंशन योजना में लाभार्थियों की संख्या 4,765 से बढ़कर 12,692 हो गई और राशि 3,000 रुपये प्रतिमाह कर दी गई।
कृत्रिम अंग सहायक उपकरण योजना के अंतर्गत पिछले आठ वर्षों में 327.5 करोड़ रुपये खर्च कर दिव्यांगजनों को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए, जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने 5 वर्षों में मात्र 29.4 करोड़ रुपये खर्च किए थे। प्रति लाभार्थी अनुदान सीमा 6,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई है। शैक्षिक पुनर्वासन के लिए विभाग ने 25 बचपन डे केयर सेंटर, 28 समेकित विशेष विद्यालय और 2 राज्य दिव्यांग विश्वविद्यालय स्थापित किए हैं। शिक्षा के लिए वार्षिक बजट 53 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 118 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के संबंध में मंत्री कश्यप ने कहा कि ओबीसी वर्ग की संख्या प्रदेश में 52 प्रतिशत से अधिक है और इनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान के बिना विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य अधूरा रहेगा। वर्ष 2024-25 में विभाग ने 32,22,499 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति दी। पिछले आठ वर्षों में कुल 2,07,53,457 छात्रों को 13,535.33 करोड़ रुपये का लाभ मिला, जो पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में 4,197 करोड़ रुपये अधिक है। विभाग का लक्ष्य 2047 तक 7 करोड़ से अधिक ओबीसी छात्रों को 80,000 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान करना है।
शादी अनुदान योजना में पिछले आठ वर्षों में 1,221 करोड़ रुपये खर्च कर 6,10,483 गरीब ओबीसी परिवारों की बेटियों की शादी कराई गई, जबकि पूर्ववर्ती सरकार में यह संख्या मात्र 2,75,311 थी और व्यय 344 करोड़ रुपये रहा। अनुदान राशि को 20,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। 2047 तक 24 लाख बेटियों को 14,400 करोड़ रुपये का लाभ देने का लक्ष्य है।
कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत आठ वर्षों में 1,39,698 ओबीसी युवाओं को सीसीसी और ओ-लेवल प्रशिक्षण दिया गया, जिससे हजारों को सरकारी व निजी रोजगार मिला। 2047 तक 11 लाख युवाओं को प्रशिक्षित कर 3,850 करोड़ रुपये व्यय करने की योजना है।
मंत्री कश्यप ने कहा कि ओबीसी छात्रावासों का अनुरक्षण और नए छात्रावासों का निर्माण 2047 तक प्राथमिकता में रहेगा, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को निःशुल्क आवास सुविधा मिल सके। साथ ही, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की कार्यप्रणाली को और सशक्त कर इसे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की भांति संवैधानिक मान्यता दिलाने का प्रयास होगा।
मंत्री कश्यप ने अपने वक्तव्य के अंत में कहा —
"हम वो दीप हैं जो आंधियों में जलते हैं,
हम वो फूल हैं जो पत्थरों में खिलते हैं,
हमारा संघर्ष ही हमारी पहचान है,
हम तूफानों से लड़कर अपने हक की जंग जीतते हैं।"