हुरून इंडिया की टॉप 300 फैमिली बिज़नेस लिस्ट 2025 में मध्यप्रदेश की धमक

विवेक झा, भोपाल। भारत का उद्योग जगत बीते तीन दशकों में जिस रफ्तार से बदला है, उसने पारिवारिक कारोबारों की अहमियत को और मजबूत किया है। “हुरून इंडिया मोस्ट वैल्यूएबल फैमिली बिज़नेस लिस्ट 2025” इसी परंपरा को सलाम करती है। इस सूची में देशभर से 300 ऐसे कारोबारी परिवार शामिल किए गए हैं, जिन्होंने न …
 

विवेक झा, भोपाल। भारत का उद्योग जगत बीते तीन दशकों में जिस रफ्तार से बदला है, उसने पारिवारिक कारोबारों की अहमियत को और मजबूत किया है। “हुरून इंडिया मोस्ट वैल्यूएबल फैमिली बिज़नेस लिस्ट 2025” इसी परंपरा को सलाम करती है। इस सूची में देशभर से 300 ऐसे कारोबारी परिवार शामिल किए गए हैं, जिन्होंने न केवल अपने व्यवसाय को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया, बल्कि भारत की आर्थिक प्रगति को भी नई ऊँचाइयाँ दीं।

इस सूची में टॉप पर हमेशा की तरह अंबानी परिवार (रिलायंस इंडस्ट्रीज) 28,23,100 करोड़ रुपये की वैल्यू के साथ रहा। उसके बाद बजाज, बिरला, जिंदल, महिंद्रा, नादर और प्रेमजी जैसे दिग्गज परिवार आते हैं। मगर खास बात यह है कि इस बार मध्यप्रदेश के कई कारोबारी परिवारों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जो प्रदेश की औद्योगिक ताक़त और संभावनाओं का संकेत है।

भोपाल का गौरव – बंसल ग्रुप

प्रदेश की राजधानी भोपाल से बंसल परिवार (Bansal Group) 205वें स्थान पर शामिल हुआ है। 4,400 करोड़ रुपये की वैल्यू के साथ बंसल ग्रुप ने यह साबित किया है कि छोटे शहरों से भी बड़े कारोबारी साम्राज्य खड़े किए जा सकते हैं।

कारोबार की शुरुआत और विस्तार

बंसल ग्रुप ने अपना सफ़र शिक्षा के क्षेत्र से शुरू किया। बंसल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और अन्य शैक्षिक संस्थानों ने ग्रुप को मप्र के युवाओं के बीच पहचान दिलाई। इसके बाद इस परिवार ने हेल्थकेयर सेक्टर में कदम रखा और भोपाल में बंसल हॉस्पिटल जैसे आधुनिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए।

आज बंसल ग्रुप का विस्तार –

  • शिक्षा (इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और प्रोफेशनल कॉलेज)

  • स्वास्थ्य (बंसल हॉस्पिटल और मेडिकल सुविधाएँ)

  • मीडिया (बंसल न्यूज़ नेटवर्क)

  • रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर

  • रिटेल और अन्य सेवाएँ

तक फैला हुआ है।

भविष्य की संभावनाएँ

विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार बढ़ते निवेश के चलते बंसल ग्रुप आने वाले वर्षों में मप्र से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर और भी बड़ा नाम बन सकता है।

रतलाम की शान – डी.पी. आभूषण

रतलाम लंबे समय से सोने-चाँदी और हीरे-जवाहरात के कारोबार के लिए जाना जाता है। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कटारिया परिवार का डी.पी. आभूषण (DP Abhushan) देश की टॉप 300 फैमिली बिज़नेस में जगह बनाने में सफल रहा है।

कारोबार का सफ़र

रतलाम का ज्वेलरी कारोबार न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि देशभर में एक ब्रांड के रूप में जाना जाता है। कटारिया परिवार ने पारंपरिक ज्वेलरी को आधुनिकता के साथ जोड़कर नया आयाम दिया है।

  • डी.पी. आभूषण ने अपने आउटलेट्स और ब्रांड वैल्यू को बड़े पैमाने पर फैलाया है।

  • 239वें स्थान पर जगह पाने वाली इस फैमिली की वैल्यू 3,300 करोड़ रुपये आँकी गई है।

  • पारंपरिक सोने-चाँदी की डिज़ाइनिंग के साथ-साथ आधुनिक आभूषणों की रेंज ने युवा पीढ़ी को भी आकर्षित किया है।

रतलाम की पहचान

रतलाम को अक्सर “ज्वेलरी सिटी ऑफ़ इंडिया” कहा जाता है। डी.पी. आभूषण की सफलता से यह शहर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना रहा है।

इंदौर का उभार – वेव इंफ्राटेक और केडिया परिवार

मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर से भी कई परिवार इस सूची में शामिल हुए हैं।

वेव इंफ्राटेक (Wave Infratech)

  • चौधरी परिवार की कंपनी वेव इंफ्राटेक 233वें स्थान पर शामिल है।

  • 3,400 करोड़ रुपये की वैल्यू के साथ इस कंपनी ने रियल एस्टेट सेक्टर में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है।

  • इंदौर समेत देश के अन्य शहरों में इनके प्रोजेक्ट्स तेजी से बढ़ रहे हैं।

केडिया परिवार – Associated Alcohols & Breweries

  • इंदौर का केडिया परिवार 269वें स्थान पर दर्ज हुआ है।

  • 2,100 करोड़ रुपये की वैल्यू वाली यह कंपनी प्रदेश की सबसे बड़ी शराब निर्माता कंपनियों में गिनी जाती है।

  • देशभर के शराब बाजार में इसकी पकड़ लगातार बढ़ रही है और एक्सपोर्ट की दिशा में भी काम हो रहा है।

क्यों अहम है यह उपलब्धि

हुरून इंडिया की यह रिपोर्ट सिर्फ़ अमीर परिवारों की सूची नहीं है, बल्कि यह “लिगेसी बिल्डर्स” की पहचान है। इसमें शामिल हर परिवार की कहानी मेहनत, दूरदर्शिता और परंपरा से जुड़ी है।

मध्यप्रदेश से शामिल परिवारों का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि –

  1. ये परिवार बड़े महानगरों से नहीं, बल्कि राजधानी भोपाल, इंदौर और रतलाम जैसे शहरों से हैं।

  2. इनका कारोबार पारंपरिक ज्वेलरी से लेकर आधुनिक रियल एस्टेट और हेल्थकेयर तक फैला है।

  3. इनसे प्रदेश के युवाओं को उद्यमिता (Entrepreneurship) की प्रेरणा मिलती है।

राष्ट्रीय परिदृश्य में मध्यप्रदेश की बढ़ती हिस्सेदारी

अगर लिस्ट का गहन विश्लेषण किया जाए तो मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहरों का दबदबा सबसे ज्यादा है। बावजूद इसके, मध्यप्रदेश से शामिल परिवारों ने यह संदेश दिया है कि आने वाले समय में प्रदेश औद्योगिक नक्शे पर और ज्यादा मजबूती से उभरेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि –

  • प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर आने वाले वर्षों में इसे निवेश का बड़ा गढ़ बना सकते हैं।

  • भोपाल, इंदौर और रतलाम जैसे शहरों में स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए अनुकूल माहौल बन रहा है।

  • प्रदेश के पारंपरिक उद्योग (जैसे आभूषण और शराब) और आधुनिक क्षेत्र (जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और रियल एस्टेट) मिलकर हाइब्रिड इंडस्ट्रियल मॉडल तैयार कर रहे हैं।

भविष्य की दिशा

हुरून की इस सूची में शामिल मध्यप्रदेश के परिवारों की यात्रा अभी शुरुआत है।

  • बंसल ग्रुप हेल्थ और एजुकेशन में राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार कर सकता है।

  • डी.पी. अबूषण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी ब्रांड वैल्यू और बढ़ा सकता है।

  • इंदौर के परिवार रियल एस्टेट और शराब उद्योग को नए स्तर पर ले जा सकते हैं।

अगर सरकारी नीतियों और स्थानीय स्तर पर उद्योगों को और सहयोग मिले, तो आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ सकती है।

“हुरून इंडिया टॉप 300 फैमिली बिज़नेस 2025” में मध्यप्रदेश की उपस्थिति एक बड़ी उपलब्धि है। यह साबित करता है कि प्रदेश के कारोबारी परिवार अब राष्ट्रीय और वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर अपनी जगह बना रहे हैं।

भोपाल का बंसल परिवार, रतलाम का कटारिया परिवार (डी.पी. अबूषण) और इंदौर के चौधरी व केडिया परिवार आने वाले वर्षों में प्रदेश को उद्योग और रोजगार की नई दिशा देने वाले प्रमुख नाम होंगे।