F-35 को मिली टक्कर, KF-21 ने दिखाया दम, राफेल भी पड़ा पीछे

नई दिल्ली अमेरिका अपने F-35 विमान को लेकर हमेशा उछलता रहा है. वो इस महंगे फाइटर जेट को भारत सहित कई सहयोगी देशों को बेचने का ऑफर दे चुका है. हालांकि भारत ने कभी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई. अमेरिकी प्रभाव को कम करने के लिए साउथ कोरिया इंडोनेशिया के साथ मिलकर अपने दम पर 4.5 …
 

नई दिल्‍ली
 अमेरिका अपने F-35 विमान को लेकर हमेशा उछलता रहा है. वो इस महंगे फाइटर जेट को भारत सहित कई सहयोगी देशों को बेचने का ऑफर दे चुका है. हालांकि भारत ने कभी इसमें दिलचस्‍पी नहीं दिखाई. अमेरिकी प्रभाव को कम करने के लिए साउथ कोरिया इंडोनेशिया के साथ मिलकर अपने दम पर 4.5 पीढ़ी के KF-21 बोरामे फाइटर जेट को बना चुका है. यह विमान फ्रांस के राफेल की टक्‍कर का है, जिसे भारतीय वायुसेना भी इस्‍तेमाल कर रही है.

2022 में हुई पहली टेस्‍ट फ्लाइट
यह विमान एशिया में सैन्य संतुलन बदलने की दिशा में दक्षिण कोरिया की एक बड़ी छलांग के रूप में देखा जा रहा है. कोरिया एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (KAI) ने इंडोनेशिया की साझेदारी से इसे तैयार किया है. KF-21 Boramae एक आधुनिक 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है जिसे खासतौर पर अमेरिकी विमानों पर निर्भरता कम करने और घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत बनाने के लिए विकसित किया गया है. KF-21 की पहली टेस्ट फ्लाइट 19 जुलाई 2022 में हुई. यह जेट हवा में वर्चस्व स्थापित करने के साथ-साथ जमीनी और समुद्री लक्ष्यों को भी सटीकता से निशाना बना सकता है. 16.9 मीटर लंबा और 11.2 मीटर विंगस्पैन वाला यह विमान दो General Electric F414-GE-400K टर्बोफैन इंजनों से संचालित होता है, जो इसे 2,200 किमी/घंटा (Mach 1.81) की शीर्ष गति तक पहुंचाते हैं. इसकी रेंज लगभग 2,900 किलोमीटर और कॉम्बैट रेडियस करीब 1,100 किलोमीटर है.

रडार पर पहचानना मुश्किल
हथियारों की बात करें तो KF-21 में 10 हार्डपॉइंट हैं, जिनपर 7,700 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाया जा सकता है. यह AIM-120 AMRAAM, Meteor और IRIS-T जैसी अत्याधुनिक एयर-टू-एयर मिसाइलों, JDAM और Mk सीरीज के बमों के साथ-साथ एंटी-शिप मिसाइलों से लैस हो सकता है. इसमें 20 मिमी M61A2 वल्कन कैनन भी लगी है. आने वाले वर्षों में इसे इंटरनल वेपन बे और और उन्नत स्टेल्थ फीचर्स के साथ अपग्रेड किया जाएगा. डिजाइन के लिहाज से KF-21 स्टेल्थ-फ्रेंडली है. यह पूरी तरह से F-35 जैसा ‘इनविजिबल’ नहीं है, लेकिन इसकी संरचना और सामग्री रडार पर पहचान को काफी हद तक कम करती है.

साल 2032 तक प्रोडक्‍शन
इसमें साउथ कोरिया का स्‍वदेशी AESA रडार, हाई-टेक ग्लास कॉकपिट और आधुनिक डेटा लिंक सिस्टम शामिल हैं. पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 7.9 अरब डॉलर है, जबकि प्रति विमान की कीमत 65 से 70 मिलियन डॉलर के बीच रहने का अनुमान है. दक्षिण कोरिया 2032 तक अपनी वायुसेना में 120 KF-21 शामिल करने की योजना बना रहा है, वहीं इंडोनेशिया के लिए लगभग 50 विमान बनाए जाएंगे.