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UP Election: 3 मार्च को होगा छठवें चरण का मतदान, योगी आदित्यनाथ सहित इन दिग्गजों की साख दांव पर

 

अकबरपुर से राम अचल राजभर की किस्मत दांव पर

अंबेडकर नगर जिले की अकबरपुर विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रहे, राम अचल राजभर की 2022 के चुनाव में प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. राम अचल राजभर मायावती की सभी सरकारों में बड़े विभागों के मंत्री रहे हैं. लेकिन कुछ दिन पहले मायावती ने इनको पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्काषित कर दिया. इसके बाद राम अचल राजभर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. रामअचल राजभर अकबरपुर विधान सभा से अभी तक जितने भी चुनाव जीते हैं, वह बसपा के टिकट पर जीते हैं. राम अचल राजभर पहली बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

बसपा से चुनाव लड़ रहे चंद्र प्रकाश वर्मा उन्हें कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं. चंद्र प्रकाश वर्मा लगातार दो बार अकबरपुर नगर पालिका के अध्यक्ष रहे हैं और 2017 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव हार चुके हैं. वहीं भाजपा से तीन बार विधायक और बसपा सरकार में मंत्री रहे धर्मराज निषाद भाजपा के प्रत्याशी हैं, जो अकबरपुर की लड़ाई को त्रिकोणीय बना रहे हैं.

कटेहरी से लालजी वर्मा लड़ रहे हैं चुनाव

बसपा से निष्काषित और कटेहरी से वर्तमान विधायक लालजी वर्मा इस चुनाव में समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी हैं. कटेहरी विधानसभा क्षेत्र बसपा का गढ़ माना जाता है. 2017 विधानसभा चुनाव में जब पूरे प्रदेश में भाजपा की लहर चल रही थी, उस समय भी बसपा से लालजी वर्मा ने इस सीट को जीतकर यहां बसपा का झंडा फहराया था. उन्होंने भाजपा के अवधेश द्विवेदी को हराया था.

लेकिन बदलते समीकरण में इस बार बसपा के लिए कटेहरी विधानसभा सीट पर नीला झंडा फहराना आसान नहीं होगा. भाजपा और निषाद पार्टी से एक बार फिर अवधेश द्विवेदी और बसपा से प्रतीक पांडेय चुनावी मैदान में है. प्रतीक पांडेय अकबरपुर से 1991 में शिवसेना सेना से विधायक रहे पवन पांडेय के पुत्र हैं और पवन पांडेय की ब्राह्मणों में मज़बूत पकड़ है. इसलिए लालजी वर्मा के लिए कटेहरी को दोबारा जीतना प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है.

बलरामपुर सदर से पलटू राम की प्रतिष्ठा दांव पर

बलरामपुर जिले में भी छठवें चरण यानी 3 मार्च को वोट डाले जाएंगे. जिले की चारों विधानसभा सीटों पर कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है. लेकिन इसमें दो दिग्गजों के नाम प्रमुख तौर पर लिए जाते हैं. पहला नाम है भाजपा के सदर विधायक पलटूराम का, जो वर्तमान में प्रदेश सरकार में मंत्री हैं. पलटू राम देवीपाटन मंडल के दिग्गज नेता सांसद बृजभूषण शरण के करीबी माने जाते हैं. इस बार उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है. पलटू राम के सामने समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जगराम पासवान मैदान में हैं. वहीं बसपा ने कैडर नेता हरीराम बौद्ध और कांग्रेस ने बबिता आर्य को अपना प्रत्याशी बनाया है.

बैरिया विधानसभा मे आनंद स्वरूप शुक्ला का मुकाबला बागी सुरेंद्र सिंह से

बलिया की बैरिया विधानसभा काफी चर्चा में है क्योंकि इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार और संसदीय कार्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला की प्रतिष्ठा दांव पर है. दरअसल पिछली बार यहां से सुरेंद्र सिंह भाजपा के विधायक थे, लेकिन इस बार पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया. जिससे वह बागी हो गए और मुकेश साहनी की वीआईपी टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. यहां का चुनाव दिलचस्प होने का आसार हैं क्योंकि एक तरफ यहां योगी सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला की प्रतिष्ठा दांव पर है, वहीं दूसरी तरफ इनके खिलाफ भाजपा के बागी विधायक सुरेंद्र सिंह ताल ठोक रहे हैं.

महराजगंज की नौतनवा विधानसभा सीट से अमन मणि त्रिपाठी की प्रतिष्ठा दांव पर

महराजगंज जिले की नौतनवा विधानसभा सीट से बाहुबली नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे और नौतनवा सीट से निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी चुनाव मैदान में हैं. अमरमणि त्रिपाठी मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में, पत्नी मधुमणि समेत आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. अमनमणि त्रिपाठी पर भी पत्नी सारा सिंह की हत्या का आरोप है. अमन मणि ने 2017 का विधानसभा चुनाव जेल से ही जीता था और पहली बार विधायक बने थे. लेकिन इस बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अमन मणि की राह उतनी आसान नहीं है. भाजपा गठबंधन की निषाद पार्टी से चुनाव लड़ रहे ऋषि त्रिपाठी और धुर विरोधी सपा उम्मीदवार कुंवर कौशल सिह उर्फ मुन्ना सिंह उनको कड़ी टक्कर दे रहे हैं.