साउथ कोरिया में पहली बार लश्कर आतंकी गिरफ्तार, पहचान छुपाकर नौकरी कर रहा था पाकिस्तानी
ग्योंगगी
पाकिस्तान पूरी दुनिया में आतंकवाद का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन चुका है. भारत दशकों से पाक पोषित आतंकवाद के खिलाफ जंग लड़ रहा है. लेकिन अब पाकिस्तानी आतंकियों की पहुंच साउथ कोरिया तक हो चुकी है. साउथ कोरियाई पुलिस ने सियोल के इटावोन जिले में एक पाकिस्तानी शख्स को गिरफ्तार किया है, जो 2008 के मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मेंबर है.
पहचान बदलकर कर रहा था नौकरी
'कोरिया हेराल्ड' की रिपोर्ट के मुताबिक यह आतंकी पहचान बदलकर लोकल मार्केट के एक स्टोर में काम कर रहा था. ग्योंगगी नम्बू प्रांतीय पुलिस एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि 40 वर्षीय संदिग्ध को आतंकवाद निरोधक अधिनियम और आव्रजन अधिनियम के उल्लंघन में गिरफ्तार किया गया है. उसे दो अगस्त को सियोल के इटावोन-डोंग में पकड़ा गया, जहां वह लोकल मार्केट में काम कर रहा था.
जांचकर्ताओं ने पाया कि संदिग्ध 2020 में पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ, हथियारों के इस्तेमाल और घुसपैठ की रणनीति की ट्रेनिंग ली और संगठन का आधिकारिक सदस्य बन गया. उसने सितंबर में पाकिस्तान स्थित साउथ कोरियाई वाणिज्य दूतावास से हासिल वीज़ा का इस्तेमाल करके दिसंबर 2023 में साउथ कोरिया में एंट्री ली. वह कथित तौर पर एक व्यवसायी के रूप में साउथ कोरिया आया, जो देश में कारोबार करने का इरादा रखता था.
पहली बार लश्कर आतंकी पकड़ा
हालांकि उस पर साउथ कोरिया में किसी भी आतंकवादी घटना की साजिश रचने या उसे अंजाम देने का आरोप नहीं है. लेकिन लश्कर-ए-तैयबा से उसका कनेक्शन आतंकवाद-रोधी अधिनियम की धारा 17 का उल्लंघन करती है, जो आतंकवादी गुटों में शामिल होने पर रोक लगाती है. कथित तौर पर संदिग्ध ने इन आरोपों से इनकार किया है.
पुलिस अधिकारी यह पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं कि क्या उसने लश्कर को कोई पैसा भेजा था. ऐसा पहली बार हुआ है कि कोरियाई पुलिस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से आतंकवादी संगठन घोषित किए गए ग्रुप के किसी सदस्य को गिरफ्तार किया है.
मुंबई हमले के पीछे लश्कर का हाथ
मई 2005 में अल-कायदा, ओसामा बिन लादेन या तालिबान से जुड़े होने के कारण, लश्कर-ए-तैयबा को एक आतंकवादी संगठन के रूप में लिस्टेड किया गया था. इसने बिन लादेन और इन सगंठनों का समर्थन किया, साथ ही आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग की और अपने प्रॉक्सी संगठन, जमात-उद-दावा के जरिए आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग, रसद और इंफ्रास्ट्रक्चर में मदद दी.
लश्कर कई आतंकवादी घटनाओं के लिए जिम्मेदार है, जिसमें 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम जिले में हुआ आतंकी हमला भी शामिल है, जिसमें 26 लोग मारे गए और 20 घायल हुए. इसके अलावा 2008 के मुंबई हमले में भी लश्कर का हाथ था, जिसमें 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे.